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"'साया "'की समीक्षा मनविंदर द्वारा ...
मनविंदर हिन्दुस्तान पेपर में लिखती है ..उन्होंने इस किताब की समीक्षा १० अक्तूबर को हिन्दुस्तान पेपर में बुक वॉच में करी है ..शुक्रिया मनविंदर ..अभी तक मेरी इस पहली किताब को आप सब का बहुत स्नेह मिल रहा है ...शुक्रिया ..... जो किताब लेना चाहे मेरे आई डी पर मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं ...धन्यवाद
ranjanabhatia2004@gmail.com
15 comments:
Hi, i have also read this book, and gone through different phases of life through your book, it reflects relations and love in a very soft and polite way, wonderful expressions and your thoughts. really enjoyed lot and lot...' wish you good luck.
regards
मनविंदर जी ने बिल्कुल सही लिखा है आपकी रचना हमेशा दिल को छूती है ।
साया के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई।
मनविंदर जी ने बहुत ही प्यारी समीक्षा लिखी है। इसके लिए उन्हें भी बधाई देना चाहूंगा।
पहली पुस्तक प्रकाशित होने की हार्दिक बधाई । आशा है यूँ ही नया नया लिखती रहेंगी।
घुघूती बासूती
हमारी प्रति कौन भेजेगा भाई.......???क्या दिल्ली वाले .......सुन रहे है......बड़े बड़े कवि................अमृता के दीवाने ........
किताब के लिए मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए...आपकी किताब को बेहद शौहरत मिले...यही कामना करती हूं...
ईश्वर आपकी कलम को असर और आपको शोहरत दें,यही कामना है.
मनविंदर ने अच्छा लिखा है -संक्षिप्त किंतु सारगर्भित ! बधाई !!
एक बात सच में मैं भूल गया था किताब पढने के बाद कि रंजू की भाषा सरल हैं उनकी 52 रचनाओं में।
बहुत ही अच्छा लगा, आप को बधाई को मन्विंदर जी को धन्यवाद, हम साया के साथ साथ चाया (चाय) भी पीयेगे...
हम इंतज़ार कर रहे हैं !
" साया " प्रथम चरण हो आपकी सृजन्शीलता का ..
बहुत बधाई व शुभकामनाएँ
-लावण्या
बहुत बहुत बधाईयां।
यह पुस्तक एक लंबे सफर का पहला कदम है, आपको बहुत आगे जाना है।
्बहुत सी शुभकामनायें :)
अभी आपकी किताब पढ़ना ही शुरू की है, अच्छे शब्दचित्र दिए हैं अपने अपनी भावनाओं के !शुभकामनायें !
प्रथम काव्य सन्ग्रह साया प्रकशित होने पर बधाइ एव्म हिन्दि काव्य जगत को नइ क्रिति देने के लिये आभार
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