Thursday, November 15, 2007

आपके द्वारा बनाए चित्र बताते हैं आपके दिल की बात




मानव मन चंचल होता है शान्त बैठना इसका स्वभाव नही है .हम कुछ भी करते वक़्त अक्सर सब कुछ ना कुछ यदि पेन और काग़ज़ सामने दिखे तो कुछ लिखते रहेंगे या कुछ चित्र बनाते रहेंगे ..बिना सोचे विचारे बात करते करते कभी यह चित्र बहुत ही मज़ेदार बन जाते हैं की आप ख़ुद ही तारीफ़ करने लगते हैं कभी कभी सिर्फ़ अपने नाम को अलग अलग ढंग से लिखने लगते हैं कभी फूल पत्ती या कोई जानवर की शकल बनाने लगते हैं ...यूँ ही बात करते करते बनाई इन आकृति को डूडल कहा जाता है ..कुछ दिन पहले इस पर बहुत ही रोचक लेख पढ़ा था .जब इसकी प्रद्शनी अमरीका के राष्ट्रपतियों के द्वारा बनाई गयी डूडल प्रद्शनी में लगाई गयी थी

इन चित्रो के बारे में मनोवैज्ञानिक कहते हैं की असल में यह आपके द्वारा बनाए गये चित्र आपकी अंदर चल रही मानसिक हलचल को बताते हैं .यदि आप पन्ने के बाई तरफ़ डूडल बना रहे हैं तो इसका मतलब है की आप ज्यादा किसी से घुलते मिलते नही है और अपने बीते समय के बारे में ज्यादा सोचते हैं ,यदि आप दाहिने तरफ़ ज्यादा लिख रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप बहुत सोशल हैं और ज्यादातर अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं बीच में डूडल बना रहे हैं तो आप सबका ध्यान अपनी तरफ़ खीचना चाहते हैं मनोवैज्ञानिकों ने डूडल को सिंबल बना के इस के आधार पर लोगो के दिल की बात बात बताने की कोशिश की है !यह माना जाता है कि महिलाए पुरुषों से ज्यादा डूडल बनाती हैं

अब बात है कि आप के बनाए डूडल क्या कहते हैं ??यदि आप नाव ,जहाज़ और कार बना रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप एक लंबा अवकाश चाहते हैं और कही बाहर घूमना चाहते हैं ,यदि आप तीर के निशान बना रहे हैं और उसकी नोक ऊपर की तरफ़ है तो आप बहुत आगे बढ़ने की सोचते हैं ....आपके अंदर ज़िंदगी में कुछ कर गुज़रने की तीव्र इच्छा है और यदि तीर के निशान हर दिशा में बना रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप खुले विचार वाले है

यदि आप स्टार यानी की तारे का निशान बना रहे हैं तो आप एक आदर्शवादी व्यक्ति है पाँच सितारे बनाना बताता है कि आप मह्त्वकंशी है ..!छ सितारे वाले चित्र बनाना आपके ध्यान की सिथ्ती को बताता है ,यदि आप बात करते करते या कुछ सोचते सोचते ख़ुद ही ज़ीरो कांटा का खेल खेलते हैं तो यह आपकी प्रतिस्पर्द्धि स्वभाव को बताता है

यदि आप आयताकार या त्रिभुज बना रहे हैं यानी कि ज्यामिती रचनाए बनाने लगते हैं तो यह आपकी सॉफ स्पष्ट सोच को बताता है ,सुंदर चेहरे बनाना आपके सामजिक स्वभाव के बारे में बताता है और यदि आप जानवर बना रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप दूसरों को किसी मुसीबत से बाहर निकलना चाहते हैं

यदि आप दिल के निशान बना रहे हैं तो आप बहुत भावुक हैं और फूल बनाने का मतलब कि आप किसी को चाहते हैं और उसका ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करना चाहते हैं और पत्ती बनाना आपके अंदर अपने पैसे के लिए दीवानेपन को बताता है ..

तो देखा आपने यह अनजाने में किया गया काम कैसे आपके स्वभाव और सोच को बता देता है ...अक्सर यह चित्र बनाना हम सब करते हैं .बात करते हुए किसी सोच में अनजाने में डूबे हुए या कुछ लिखते लिखते अनजाने में यह चित्र बनाने लगते हैं ...रोचक लगा मुझे इनके बारे में जानना क्यूंकि अक्सर जिज्ञासा होती है दिल में कि क्यों हम यह चित्र बनाने लगते हैं :) कुछ और रोचक जानकारी मिली इस विषय पर तो ज़रूर ले के आऊँगी फिर आपके सामने ..देखिए आपसे बात करते करते मैने कितने चाँद और सितारे बना डाले :)


::::::::::::::ranju:::::::::::
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8 comments:

Kirtish Bhatt said...

रोचक है

Atul Chauhan said...

"चांद सिफारिश जो करता हमारी देता वो तुमको सदा।"………… काश इंसान चांद-तारों को वाकई कागजो में उतार पाता तो उसकी "रुह" इस तरह नहीं भटकती।

Sanjeet Tripathi said...

रोचक जानकारी!1
शुक्रिया!

mamta said...

शुक्रिया इस जानकारी के लिए।

मीनाक्षी said...

बहुत रोचक जानकारी दी आपने.. चित्र में इंसान का चेहरा और जानवर का धड़ या जानवर का सिर और इंसान का धड़ तो ऐसे में बच्चों की मानसिकता के बारे में पता चले तो ज़रूर बताइएगा.

सचिन श्रीवास्तव said...

अभी तीन साल ही हुए हैं जब क्लास में सबसे पीछे की सीट पर बैठकर डूडल बनाया करता था. तब पता नहीं था कि दिखाई देने से ज्यादा अर्थ इनके भीतर छुपा हुआ है. बिल्कुल इंसानी चेहरे की तरह. आपकी कविताओं का पाठक-प्रशंसक तो था ही इस जानकारी ने और अपेक्षाएं बढा दी हैं. धन्यवाद.

Divine India said...

क्या बात है रंजू जी… मनोविज्ञान को भी समेट लिया अपने अंतरे में… बहुत खुब…।
हां यह बिल्कुल सच है जो हमारे भीतरी अनुभूतियों में गहरा होता है उसी की आकृति ही हम उतार पाते हैं…।

Anonymous said...

oh my good its realy very interesting