Friday, September 14, 2007

कुछ उपयोगी परिभाषा :

कुछ उपयोगी परिभाषा :
* अनाड़ी- जिसके पायजामे में नाड़ी न हो।
* परिचर्चा- परियों के बारे में चर्चा।
* उपयोगी- प्रधान योगी का सहयोगी।
* बहुरूपिया- जिसके पास बहुत सा रुपया हो।
* बुनियाद- बुने वस्त्रों को देख जब किसी की याद आए।
* फलस्वरूप- जिसका किसी फल जैसा स्वरूप हो।
* अनुकूल- अनु नामक लड़की का गुस्सा जब शांत हो जाए।
* योगासन- 'योगा' करने वाला 'सन' (बेटा)।
* पगडंडी- जिसके पग, डंडी की तरह पतले हों।
* चिल्लाना- 'चिल्ड' लाना।


यह सुधांशु जी ने मेरी अर्कुट की स्क्रेप बुक में आज स्क्रेप किया मुझे बहुत मजेदार लगा
आपके साथ इसको शेयर कर रही हूँ

6 comments:

Unknown said...

ji ranju ji scrop toh accha laga aur woh bhi hindi divas per

Udan Tashtari said...

हा हा!! मजेदार!

उपयोगी परिभाषा: मुख्य योगी की सहयोगी की परियों द्वारा बोली जाने वाली भाषा- आपने कहाँ से सीखी?? :)

Divine India said...

वाह रंजू जी बहुत खुब… काफी उपयोगी है। :)

ePandit said...

मजेदार रंजू जी। :)

Rajeev (राजीव) said...

सही अर्थ खोजे हैं आपने! मज़ा आ गया।...
एक बार इसी से मिलते जुलते दृष्टांत का जिक्र मैंने अपने चिट्ठे पर भी किया था:

तमसो मा ज्योतिर्गमय शीर्षक से

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

मजेदार परिभाषाएं हैं। इतनी मजेदार चीजें शेयर करने के लिए आभार।