अब तेरे लिए मेरा दीवानापन
इससे ज़्यादा और क्या होगा
देखते हैं जिस ख़त पर नाम तेरा
सोचती हूँ तेरा यह पैगाम मेरे लिए ही होगा
तेरे गीत तेरी नज़्म में पढ़ा है जब भी प्यार के शब्दो को
क्यों यह लगता है कि तूने यह मेरे लिए ही लिखा होगा
जब भी ढलका है शाम का आँचल जो कही
मुझे क्यों लगता है कि तू कही इंतज़ार मेरा करता होगा
चूमा है जब भी भंवरे ने किसी कली को मुस्करा के
क्यों लगा मुझे कि तूने ख़्यालो में मेरे लबो को चूमा होगा
जब भी बरसा है बादल झूम के धरती पर कभी
क्यों लगा मुझे की तूने मुझे अपनी बाहो में समेटा होगा
धड़का है जब भी मेरा दिल ज़ोर से कभी या ली हैं मेने हिचकियाँ
रहा मेरे दिल को यही एहसास की तूने दिल की गहराइयों से याद मुझे किया होगा
यह मेरा दीवानापन कही और दीवाना ना कर दे मुझको
अब इससे ज़्यादा तेरी मोहब्बत का नशा और क्या होगा !!
इससे ज़्यादा और क्या होगा
देखते हैं जिस ख़त पर नाम तेरा
सोचती हूँ तेरा यह पैगाम मेरे लिए ही होगा
तेरे गीत तेरी नज़्म में पढ़ा है जब भी प्यार के शब्दो को
क्यों यह लगता है कि तूने यह मेरे लिए ही लिखा होगा
जब भी ढलका है शाम का आँचल जो कही
मुझे क्यों लगता है कि तू कही इंतज़ार मेरा करता होगा
चूमा है जब भी भंवरे ने किसी कली को मुस्करा के
क्यों लगा मुझे कि तूने ख़्यालो में मेरे लबो को चूमा होगा
जब भी बरसा है बादल झूम के धरती पर कभी
क्यों लगा मुझे की तूने मुझे अपनी बाहो में समेटा होगा
धड़का है जब भी मेरा दिल ज़ोर से कभी या ली हैं मेने हिचकियाँ
रहा मेरे दिल को यही एहसास की तूने दिल की गहराइयों से याद मुझे किया होगा
यह मेरा दीवानापन कही और दीवाना ना कर दे मुझको
अब इससे ज़्यादा तेरी मोहब्बत का नशा और क्या होगा !!
6 comments:
na soonch kuch bhi aur ....
ye mera wazood hai sirf terey wastey...
har saans hai teri malkiyat..
har khwasish hai terey wastey...
baarish ki in boondo mein hai payam mera...
ki hai goon meri dhadkan ki inkey gazaz ney mein..
har alfaz sey aata hai naam tera..
har ghzal main hai sirf teri aarzo...
ki ab na soonch kuch bhi aur... hai mera wazzod terey wastey..
har aah jo nikli hai is dil sey...
har ashq pey mera hai naam tera....
bahut khoob likha hai aapney....
ek ek lafaz saaf saaf dikhta hai aankhon key samney.... bahut acha...hai....
a romantic one gud to read...
aap ko arkut par kahan dundun
ratna ji to hamari khat sarey antar jaal khadi kar de hain
aap sundar likhti hain
dr.kumar vishvas fan club me swagat hai
www.kumarvishwas.com
बहुत दिनों बाद मुझे यहाँ आकर संतुष्टि मिली एक पूर्ण गीत कहूँ या कोई गज़ल हर लफ़्ज में सागर है और सागर में एक बूंद…कायदे से आपने हृदय स्पंदित कर डाला…मैं फिर कहूँग़ा कविता का कौमार्य पन इसकी जान है…
Pyar Mein Aksar Aisa Hota Hae
Deedaar Toe Aankhein Karti Hein
Dil Raat or Din Bhar Rota Hae
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