प्रेम का रंग सबसे अनोखा होता है ..धरती का कोई कोना ऐसा नही जहाँ प्रेम की भाषा न बोली जाती हो .हर गीत ,हर रंग में चाहे वह लोकगीत हो या कोई भी संगीत प्रेम का विरह का रंग उस में छलक ही जाता है ..प्रेम करने की न कोई उम्र है न कोई सीमा यह कब ज़िन्दगी में दाखिल होता है कोई नहीं जानता मुझे प्रेम का एहसास करवाया .अमृता इमरोज़ के लिखे ने ...प्यार के दो नाम ..जिनके बारे में जब जाना तब मेरी उम्र सपने बुनने की शुरू हुई थी ,और प्यार का वह हल्का एहसास क्या है अभी जाना नहीं था | बहुत याद नहीं आता कि कब किताबें पढने की लत लगी पर जो धुंधला सा याद है कि घर में माँ को पढने का बहुत शौक था और उनकी "मिनी लाइब्रेरी "में दर्ज़नों उपन्यास भरे हुए थे ...माँ तो बहुत छोटी उम्र में छोड़ कर चली गयी और सौगात में जैसे वह अपनी पढने की आदत मुझे दे गयी ...यूँ ही एक दिन हाथ में "अमृता प्रीतम की रसीदी टिकट" हाथ में आई और उसको पढना शुरू कर दिया और कलम ने कुछ यूँ ही लिखना शुरू कर दिया
दुनिया के इस शोर में
बस, चुपके से कह देना
प्यार का एक बोल
पी लूँगी मैं
बंद आँखों से
जो कहा तेरी आँखों ने !!
बस, चुपके से कह देना
प्यार का एक बोल
पी लूँगी मैं
बंद आँखों से
जो कहा तेरी आँखों ने !!
.उसका एक एक अक्षर दिल में एक मीठा सा एहसास बन कर धडकने लगा ,उनका लिखा हुआ उस में कि कोई साया उनको दिखता है जिस को उन्होंने "राजन "नाम दिया और अपने पिता से छिप कर वह उस से बाते करती मिलती है ,वही एहसास जैसे मेरे अन्दर भी जाग गया .. और वह साया अमृता की रसीदी टिकट से उतर कर मेरे ख्यालों में समां गया | जिस से मैं भी अमृता की तरह ढेरों बातें करती और सपने बुनती ....पर साया तो साया ही होता है ,कभी कभी लगता है अमृता इमरोज़ के बारे में पढना मुझे बहुत अधिक स्वप्निल बना गया ....अमृता की तलाश साहिर से निकली तो इमरोज़ को पा कर खत्म कर गयी ..पर अमृता इमरोज़ तो एक ही हैं इस विरले जगत में ...न अमृता बनना आसन है और न ही इमरोज़ को पाना
7 comments:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 07 अक्टूबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (08-10-2019) को "झूठ रहा है हार?" (चर्चा अंक- 3482) पर भी होगी। --
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
श्री रामनवमी और विजयादशमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर आलेख
उम्दा सृजन दिल की कलम से ।
बहुत उम्दा सृजन दिल की कलम से।
बहुत सुंदर
धन्यवाद सभी का 🙏🙏
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