श्रीनगर बाग़ बगीचों का गुलदस्ता है ..सुन्दर बाग़ इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगा देते हैं ....यहाँ के हर बाग़ को देख कर यही लगा कि काश यही हमेशा के लिए बस सकते ...सीढ़ीदार लॉन, झरने, फव्वारों और कई फूलों से भरे हुए ये बगीचे कश्मीर की खूबसूरती में चारचांद लगा देते हैं। .डल झील के किनारे शालीमार, चश्मे शाही और निशात नाम से जाने जानेवाले सभी बागीचे मुग़ल समय के बने हुए हैं इन सबके एक तरफ लम्बी चौड़ी डल झील है तो दूसरी तरफ पहाड़ियों की श्रंखला जहाँ से हमेशा बहने वाले झरनों निराला नजारा है शायद इसी कारण यहाँ पर बागीचे बनाए गए होंगे ..यह सब मुगल गार्डन कहे जाते हैं जो कि एक खास तरह की मुगल शैली के बागीचे हैं, यह कई बड़े क्षेत्रफल में फैले होते हैं और ज्यादातार बागीचों में जन्नत के नक्शे को बयां किया जाता है।.बागीचे में प्रवेश के लिए टिकट लेने पड़ते हैं. हर जगह लोकल और बाहर से आये लोग थे ,जिस में मुझे तो गुजराती और बंगाली अधिक नजर आये .. विदेशी पर्यटक भी दिखे पर बहुत अधिक नहीं ..पर जो भी थे सब बगीचों की सुन्दरता देख कर मन्त्रमुग्ध से थे ..चश्मा शाही बागीचे के बारे में पता चला कि एक प्रसिद्द कश्मीरी महिला संत ‘रूपा भवानी’ जिसका पारिवारिक नाम साहिबी था ने ही एक कुदरती जल स्रोत ढूंढा था. इसी वजह से नाम पड़ गया ‘चश्मे साहिबी’ जो बाद में चश्मे शाही कहलाया. वैसे योजनाबद्ध तरीके से यहाँ के बागीचे को कश्मीर के मुग़ल गवर्नर अली मरदान द्वारा बनवाये जाने का उल्लेख मिलता है.चश्में शाही के मुख्य जलकुंड में एक भवन निर्मित है जहाँ कल कल करते हुए ऊपर की पहाड़ियों से पानी गिरता है. यहाँ के झरने का पानी पीया जाता है और पीने वालों की खूब भीड़ थी यहाँ .कहा जाता है की इस जल से पेट की बेमारी दूर हो जाती है वैसे भी पहाड़ी झरने का जल हमेशा से अच्छा माना जाता है हम में से एक दो ने यह पानी बोतल में भी साथ के लिए ले लिया ..इस के बाद देखा शालीमार और निशात बाग़ शालीमार बाग़ को" प्यार का घर" भी कहा जाता है इस बाग का निर्माण सन 1619 में मुगल शासक जहांगीर ने अपनी पत्नी नूरजहां के लिए बनवाया था। और निशात का मतलब आनन्द का बगीचा .इसको 1633 में नूरजहां के बड़े भाई आसिफ खान ने बनवाया था। इस बाग़ की संरचना आयताकार है. शालीमार बाग़ के बाद यह कश्मीर के सबसे बड़े बागों में आता है.इसके साथ ही हमने बादाम वाड़ी .देखी .सब बागों में एक शानदार बात है कि आप बाग के जिस मर्जी हिस्से में चले जाओ डल झील आपकी आँखों में ही रहती है.
अगले दिन से सुबह
बादाम बाग जो की हरी पर्वत किले की तलहटी में है और जिसको कभी अकबर ने बनवाया था,
यहाँ एक जगह बादाम की शक्ल में पत्थर को तराशा गया है और उस पर अल्लाह लिखा हुआ है| ऐसे ही शालीमार और निशात बाग़ के कई पेड़ों पर भी दिखा कि उसकी बनावट और कटाई "अल्लाह " शब्द के तर्ज़ पर की गयी है बादाम वाड़ी नाम देना इसको सही ही था क्यों कि यहाँ पर बताया कि लगबग १४०० सिर्फ बादाम के ही पेड़ हैं .इस वक़्त इस पर हरे बादाम बहुत छोटे लगे हुए थे ..कुछ तोड़ कर खाए मीठे और बहुत ही नाजुक थे ..इतने बादाम देख कर ही मन हरा भरा हो गया :) .यही पर खूबसूरत नक्काशी किए हुआ एक कुआँ भी देखा जो जी बहुत गहरा था और यह गोरियाँ चिड़िया भी दिखी जो अब दिल्ली में नहीं दिखती :(
ऊपर दूर पहाड़ी पर एक किला दिख रहा था जिसको हरिपर्वत किला कहा जाता है ..
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ऊपर दूर पहाड़ी पर एक किला दिख रहा था जिसको हरिपर्वत किला कहा जाता है ..
यहाँ लगे चिनार के पेड़ बहुत ही खूबसूरत है निशात बाग़ तो इसी खूबसूरती के कारण जाना जाता है ..मुझे चिनार के पत्तो की खूबसूरती ने मोह लिया . |
12 comments:
कुछ गड़बड़ हो जाने के कारण इस पोस्ट पर आये कॉमेंट्स न जाने कहाँ गायब हो गए हैं ..अनु .वंदना ..मुकेश ..और भी जिन दोस्तों ने इस पोस्ट पर कॉमेंट्स दिए ..सभी का बहुत बहुत शुक्रिया ..
मैं कश्मीर नहीं गया हूं, देखिए कब जाना होता है
यादें ताजा करवाने का शुक्रिया रंजू जी...वाकई स्वर्ग है कश्मीर
उत्कृ्ष्ट लेख . आभार
plz visit : http://swapnilsaundarya.blogspot.in/2013/05/blog-post.html
sundar kashmir bhraman.
नयनाभिराम दृश्य -स्वर्ग है कश्मीर।
नयनाभिराम दृश्य -स्वर्ग है कश्मीर।
कश्मीर में पाए जाने वाले फूलों मे देश के बाकी हिस्सों की तुलना में क्या कुछ विविधता है?
आपके साथ सैर करने का मज़ा आ रहा है
जबरदस्त चित्रों में खूबसूरती को कैद किया है आपने ... मज़ा आ गया ..
बहुत बहुत शुक्रिया सभी दोस्तों का जो इतने प्यार से इस यात्रा में मेरे साथ चल रहे हैं ....जो हाँ मनीष जी कश्मीर में पाए जाने वाले फूलों में बाकी देश ( जो अब तक मैंने देखे हैं ..) जरुर अलग है ...हालंकि मैं पौधो के बारे में इतनी अधिक जानकारी नहीं रखती हूँ ..पर वहां के फूलों की खुशबु और साइज़ निश्चित रूप से दिल्ली से अलग लगे ..बहुत फ्रेश और बहुत अधिक सुन्दर ...इस के बारे में अगली कड़ियों में विस्तार से लिखने की कोशिश रहेगी मेरी :) शुक्रिया आपका बहुत बहुत ..
वाह कश्मीर, स्वर्ग से सुंदर ।
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