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पगडण्डी पहला एडिटर के रूप में साझा काव्य संग्रह ..ज़िन्दगी भर एक न भूलने वाला पल |
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ज़िन्दगी के कुछ पल बहुत ख़ास होते हैं ..वह लम्हे आप कभी भूल नहीं सकते है ..जब लिखना शुरू किया था तो अपना कोई संग्रह भी आएगा यह सोचा नहीं था .,..पर यह हुआ ..क्यों की होना तय था ..लिखने का सिलसिला जो यूँ ही बचपन में शुरू हुआ था वह एक जनून बन गया मेरा ...ब्लॉग तब बनाया जब महिला ब्लॉगर बहुत ही कम थी ..पर जो लिखा जैसा लिखा वह पोस्ट किया ...और वह सराहा गया ...कविता से शुरू हुआ सफ़र लेख जो सिर्फ कालेज में "एज ऐ " एडिटर लिखे थे वह फिर से शुरू किये ..कहानियाँ लिखी ..और अपना सबसे प्रिय विषय कविता के बाद ..यात्रा विवरण लिखा ...कई ब्लाग्स के साथ जुडी ..और सफ़र तय होता रहा ...फिर पहले संग्रह "साया "के बारे में सोचा गया ..वह साया जो अमृता प्रीतम को पढ़ते पढ़ते मेरी भी रूह में कहीं आ गया था ....और अपनी बाते मुझसे कहता और मेरी सुनता था ...अमृता प्रीतम के ब्लॉग पर लिखना एक अजीब सा सकून देता था ..वह ब्लॉग भी बहुत पसंद किया गया ..और साया लिखने की नींव भी वही लिखते लिखते पड़ी ...और वही "साया" फिर काव्य संग्रह के रूप में अयन प्रकाशन से पब्लिश हुआ ...यह संग्रह पब्लिश होते ही बहुत पसंद किया गया ..लेने वाले चाहे वही ब्लागर मित्र थे ..पर उनके द्वारा बहुत सरहना मिली ....और वहां से यह आगे भी गया ..सन २००८ में पब्लिश साया आज भी बिक रहा है और लोग पसंद कर रहे हैं ...यही से सिलसिला फिर आगे चल पड़ा ..दूसरा संग्रह आएगा ..फिर यह सोच कहीं ताक़ पर रख दी ...और आगे का लिखा कई जाने माने अखबारों में और हिंदी पत्रिकाओं में छपने लगा ...हिंदी मीडिया में ब्लाग समीक्षा की ..कई नए दोस्त बने इस सिलसिले में ..उनके बारे में जाना ..और फिर समीक्षक के तौर पर भी लिखना शुरू किया ....बहुत ही अच्छा अनुभव है यह भी ...अलग अलग संग्रह ..पढना और फिर उस पर लिखना ....और फिर दूसरे संग्रह के बारे में सोचा ....नाम दिया कुछ मेरी कलम से ......हिन्द युग्म द्वारा प्रकाशित यह संग्रह विश्व पुस्तक मेले के दौरान ..आया
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..विमोचन करने वाले भी सभी दोस्त और पढने वाले पाठक थे ....कई जाने हुए चेहरे फेसबुक .ब्लॉग से
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बुक फेयर में पहली प्रति लेने वालों में राजीव रंजन जी और शरद चन्द्र गौड़ जी |
और ख़ुशी हुई तब कई अनजान चेहरों ने भी यह संग्रह लिया और पढ़ कर संग्रह में दिए आई डी पर अपनी बात भी कही ..उस में एक हैं नरेन्द्र ग्रोवर ..जो लन्दन से इस पुस्तक मेले में आये और मेरी कुछ कलम से अपने साथ ले गए .
.कुछ मेरी कलम
संग्रह पढने के बाद उनका संग्रह से मेरी आई डी पढ़ कर मेल करना बहुत ही दिल
को छु गया My name is Narender Grover. I came to your stall on Thursday. I have
managed to read some of your poems and they are simply brilliant. I
dont have your contact tel no, otherwise I would have phoned you.
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ऑनलाइन पहला संग्रह राज भूटानी जी की टेबल पर मुस्कराता हुआ :) |
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पहली बार ही था यह जब अचानक से डॉ ओं निश्छल जी ने माइक हाथ में थमा दिया क्या बोल कुछ याद नहीं :)
और इसी के साथ एक ख़ुशी और जुडी
..मुकेश कुमार सिन्हा और अंजू अनु चौधरी जैसे अच्छे दोस्तों के साथ पगडण्डीयाँ संपादन करने का अवसर मिला
.....इस में भी मेरी रचनाएँ है .
..कुछ पल ख़ुशी के उसके लोकापर्ण पर सभी उन दोस्तों के साथ जिन्हें सिर्फ जाना था उनकी लिखी कविता के माध्यम से ....यहाँ रूबरू हुए ..बड़ी बड़ी हस्तियों से मिलना हुआ ..चित्रा 
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इसी दौरान नारी विमर्श के अर्थ का विमोचन भी सरस दरबारी वंदना गुप्ता और उदयभान जी के साथ मैं भी शमिल हुई |
डायरी के पुराने पन्नो में
कुछ लफ्ज़
धुंधले हुए दिखते हैं
जो अब पढने में
नहीं आते ..
पर .........
एक अक्स
अभी भी दिखाई देता है
उन धुंधले अक्षरों में
साफ़ साफ़ उजला सा !!!#रंजू
12 comments:
ज़िन्दगी के कुछ पल बहुत ख़ास होते हैं ..वह लम्हे आप कभी भूल नहीं सकते है .... सच कहा है आपने....आपके गद्य और काव्य को पढ़ कर..भी यही लगता है...शुभकामनाएं
अपने सफरनामा को बेहतरीन अंदाज में प्रस्तुत किये,आभार.
सुन्दर तस्वीरों के साथ बहुत ही रोचक विवरण
एक बेहतरीन सफ़र, बहुत ही सुन्दरता से आपने अंजाम तक पहुँचाया!
ये एक यादगार , अविस्मार्निये क्षण होते हैं! जिन्हें देखकर मन कभी भी अघाता
नही है! शानदार प्रस्तुति!
निश्चित रूप से यह सफलता ... आगे बढ़ने के लिये आपकी प्रेरणा बनेगी
और यह क्षण हमेशा कुछ अच्छा करने के लिये उत्साहित करेंगे
बहुत ही अच्छी लगी यह सचित्र प्रस्तुति
बधाई सहित अनंत शुभकामनाएँ
एक बेहतरीन रचनाकारा को पग्दंदियाँ से जोड़ कर ख़ुशी हुई... आप ऐसे ही निरंतर आगे बढ़ें... शुभकामनायें :)
आपकी पोस्ट की चर्चा 17- 02- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है कृपया पधारें ।
यह सफर अनवरत चलता रहे ..... शुभकामनायें
इन खास पलों को संजो के रखना भी एक कला है ... जो आपमें बाखूबी है ...
बहुत बहुत बधाई ...
निश्चित रूप से यह सफलता आपको और आगे ले कर जाएगी...बधाई
अच्छा रहा सफ़र- शुभ कामनाएँ !
ये स्मृतियाँ संबल बन सदा साथ रहेंगी।
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