Wednesday, September 26, 2012

ज़ीवन एक परिवर्तन


यूँ इस तरह ना वक़्त को मेरे दिल गवां
यहाँ हर बीतता पल ना जाने कब अंतिम हो जाना है
राही सुन ज़ीवन एक परिवर्तन है
जिसने हर पल बदल जाना है

कभी साथ में होंगे तेरे हमसफ़र कितने 
तो कभी नितांत अकेलापन भी होगा
कभी थक के चूर होंगे तेरे सपने
कभी साथ नाचता मयूरी सा मन भी होगा
यूँ ही पल पल करके इस जीवन ने बीत जाना है
इसको यूँ ही ना व्यर्थ गवां
एक दिन सब यहाँ बदल जाना है

छाया है यहाँ हर आती ख़ुशी 
क्यों  इस पर पागल मनवा इतराता है
सपने तेरे सब पूरे हो यहाँ
ऐसा कब संभव हो पाता है
धूप छावं सा है यह जीवन
दर्द और ख़ुशी में ढल जाना है
इस जीवन को यूँ ना गवां
यहाँ एक दिन सब बदल जाना है

कौन टिक सका है अमर हो कर यहाँ
राजा बन के भी सभी ख़ाली हाथ गये
चाँद से सुंदर लगते चेहरे सब 
वक़्त के साए में यहाँ ढल गये
धन दौलत के बही खातो को
यही के यही ख्त्म कर जाना है
माया से यूँ तू मोह ना लगा
भला इसने कब साथ हमारे जाना है
परिवर्तन है जीवन यह तो 
यहाँ एक दिन सब बदल जाना है !!


--
ranju....

9 comments:

अरुन अनन्त said...

बहुत ही सुन्दर लिखती हैं आप
www.arunsblog.in पर आपका स्वागत है.

सदा said...

बिल्‍कुल सही कहा ... सार्थकता लिये सशक्‍त अभिव्‍यक्ति ।

प्रवीण पाण्डेय said...

परिवर्तन जीवन का नियम है, स्वीकार करते रहना होगा।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

यथार्थ को कहती सुंदर रचना

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सार्थक सटीक प्रस्तुति,,,

माया में मत पड कुछ दिन का ठिकाना है
खाली हाँथ आये सब खाली हाँथ जाना है,

RECENT POST : गीत,

Unknown said...

bahut badhiya shodon ka samagam...dhnywad kabhi samay mile to mere blog http://pankajkrsah.blogspot.com pe padharen swagat hai

Kailash Sharma said...

जीवन यथार्थ का बहुत सुन्दर चित्रण..

संजय भास्‍कर said...

सुंदर अभिव्यक्ति..रंजना दी

Unknown said...

बेहद सुन्दर लेख...यथार्थ को बतलाता इसका हर एक शब्द...बधाई...इस सुन्दर रचना के लिए...समय मिले तो यहाँ भी एक नजर डाले...http://shona91.blogspot.in/