Friday, December 23, 2011

चलो मिल कर ज़िंदगी को मीठे केक सा कर जाए

क्रिसमिस का प्यारा सा त्योहार
चलो मिल कर ज़िंदगी को मीठे केक सा कर जाए


आओ सिखाएं आपको इस केक को बनाना
इसके लिए जरा यह सब सामान तो ले के आना    

एक कप प्यार , में १०० ग्राम दयालुता ,
५०० ग्राम दुआ [प्रार्थना ] मिला के इसको नरम बनने तक हिलाना
फ़िर इस में १५० ग्राम भावना त्याग की ,
और १०० चम्मच मदद सबके लिए ५ मिनट तक रख जाना
अब इस में  १०० बूंदे मुस्कराहट की
१ चम्मच  सहन शक्ति के साथ अच्छे से
इन सबको  मिला के फ़िर इसको पकाना

 अब देखो इन सब चीजों को मिला के
ज़िंदगी  का स्वाद है कितना मीठा
सबको प्यार से अपने अब यही केक तुम खिलाना


तो था न यह बहुत अच्छा सा केक ...क्रिसमिस आते ही केक के साथ साथ याद आते हैं सांता क्लाज ..सांता क्लाज आया ढेर से तोहफे लाया ..:) क्रिसमस का त्योहार आते ही बच्चो की खुशी का ठिकाना नही रहता सांता क्लाज  आयेंगे ढेर से तोहफे लायेंगे यही उम्मीद लिए सारी दुनिया के बच्चे इनका इंतज़ार करते हैं शायद ही दुनिया का कोई बच्चा ऐसा होगा जिसे इनका इंतज़ार न होगा दुनिया भर का प्यार समेटे अपनी झोली में यह आते हैं और बच्चो को इंतज़ार होता है अपने तोहफों का जो वो चिठ्ठी [पाती] लिख के अपनी मांग उनको लिख के भेजते हैं .क्या आप जानते हैं की सांता क्लाज को हर साल कितनी पाती मिलती है आपको यकीन नही होगा लेकिन यह सच है की हर साल उन्हें ६० लाख से भी ज्यादा पाती मिलती है और
सांता उनका जवाब देते हैं . सयुंक्त राष्ट्रीय की  यूनीवर्सल   पोस्ट यूनियन के अनुसार सांता क्लाज़ को ढेरों नन्हें मुन्ने बच्चों की  पाती मिलती हैं सांता कितने लोकप्रिय हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि कम से कम २० देशों के डाक विभाग सांता के नाम से आने वाली चिट्ठियों  को अलग करने और फ़िर उनका जवाब देने के लिए अलग से कर्मचारी भरती करते हैं .....कई पाती पर तो सिर्फ़ इतना ही लिखा होता है सांता क्लाज़ नॉर्थ पोल ..इन चिट्ठियों का  दिसम्बर में तो अम्बार लग जाता है कनाडा  डाक विभाग २६ भाषा में इनका जवाब देता है जबकि जर्मनी  कि डयुश    पोस्ट  १६ भाषा में  इन का जवाब देती है कुछ देशो में तो इ मेल से भी जवाब दिए जाते हैं पर सांता रहते कहाँ है यह  अभी साफ साफ नही पता चल पाया है :)पर कनाडा और फ्रांस के डाक कर्मी सबसे ज्यादा व्यस्त  रहते हैं क्यूंकि इन दोनों देशों  में १० लाख से भी ज्यादा नन्हें मुन्ने चिट्ठी लिखते हैं
सर्दियों में मनाया जाने वाला यह त्योहार लगभग सभी देशों में मनाया जाता है लेकिन सांता को कई नामों से जाना जाता है कहीं फादर क्रिसमस तो कहीं सेंट निकोलस ,रूस में इन्हे डेड मोराज़ के नाम से जाना जाता है

1)_यह तो हम सभी जानते हैं कि क्रिसमिस पर सबको उपहार देने की परम्परा है लोग तरह तरह के उपहार देते हैं ..पर एक उपहार अब तक का सबसे व्यक्तिगत उपहार माना जाता है...वह था १९६९ की क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अरबपति अमेरिकी व्यवसायी रास  पैरेट ने वियतनाम में अमेरिकी युद्धबंदियों के लिए ईमान सेवा से २८ टन दवाइयां और उपहार भिजवाये थे |यह अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत  उपहार माना जाता है |

2)नेशनल क्रिसमिस ट्री एसोसिएशन के अनुसार अमेरिका में हर साल ३७.१ मिलियन क्रिसमिस ट्री खरीदे जाते हैं |अमेरिका का राष्ट्रीय क्रिसमिस वृक्ष कैलोफोर्निया के किंग कैनन नॅशनल पार्क में हैं | ३०० फीट ऊँचे इस सिकाओ वृक्ष को यह दर्जा १९२५ में दिया गया |

3) पूरी दुनिया में    क्रिसमस २५ दिसम्बर को मनाया जाता है पर सिर्फ़ यूक्रेन में यह ७ जनवरी को मनाया जाता है इसकी वजह यह है कि यहाँ पर रोमन कैथोलिक गेग्रोरियन कैलेंडर के साथ ही आर्थोडाक्स जुलियन कैलेंडर भी समान रूप से प्रचलित है

यूक्रेन   का क्रिसमस कुछ और कारणों से भी बहुत ख़ास है ..यहाँ क्रिसमस ट्री पर नकली मकडी और उसका जाल सजाया जाता है इस से यह माना जाता है कि घर में सोभाग्य आता है | यहाँ क्रिसमिस की रात घरों में दावत की जबरदस्त तैयारी होती है और घर का सबसे छोटा बच्चा इवनिंग स्टार को देखने के बाद पार्टी शुरू करने का संकेत देता है

4)ग्रीस में क्रिसमिस ट्री को सजाने और उपहार देने की परम्परा नहीं है | क्रिसमिस की सुबह स्थानीय पादरी गांव के तालाब  में एक छोटा सा क्रास इस विश्वास के साथ फेंकता है  कि वह अपने साथ बुरी आत्माओं को भी डुबो देगा | इस के बाद पादरी गांव  के घर घर जा कर पवित्र जल फेंकते हैं ताकि घर से बुरी आत्माएं निकल जाए | इस बुरी आत्माओं को भगाने के प्रयास में ही वहां के लोग पुराना जूता या नमक जलाते हैं |

5)नार्वे में क्रिसमस पर रात्री भोज और उपहार को खोलने के बाद घर के झाडू को छुपा दिया जाता है |इस के पीछे यह मान्यता है कि हर रात बुरी आत्माएं  बाहर निकलती है और वह झाडू को चुरा कर उस पर सैर करती हैं |

6)अमेरिका में बच्चे क्रिसमिस की रात सांता क्लाज से उपहार लेने के लिए जुराबे टांग  देते हैं   तो नीदरलैंड में बच्चे नवम्बर से ही अपने जुटे इस विश्वास के साथ टांग देते हैं घर के बाहर की सांता क्लाज उन्हें उपहार दे जायेंगे |

इस तरह क्रिसमिस के रंग हर देश में खूब नए तरीके से मनाये जाते हैं ..किसी भी तरह मनाया जाए पर    यह बच्चो को तो बहुत ही प्यारा त्यौहार लगता है क्यों कि बहुत सारे उपहार जो मिलते हैं ...


23 comments:

सदा said...

अवश्‍य जिन्‍दगी में मिठास होगी .. जब इतने स्‍नेह से केक बनाया जाएगा ..बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ... शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

vandana gupta said...

बहुत रोचक जानकारी मिली।

संगीता पुरी said...

बढिया जानकारी .. केक की विधि अच्‍छी है !!

shikha varshney said...

बहुत रोचक पोस्ट..एक बात जो मुझे आज ही मालूम चली जब मैंने भारत अपनी एक परिचित को फोन किया. कि भारत में क्रिश्चन - क्रिसमस पर गुझिया और मठरी आदि बनाते हैं जैसा कि अमूनन हम होली पर करते हैं.

प्रवीण पाण्डेय said...

यह तो बहुत ही स्वादिष्ट केक...

Maheshwari kaneri said...

बढिया और रोचक जानकारी ..

Deepak Shukla said...

ऐसी विधि से केक अगर...

कोई भी मन से बनाएगा...

कोई न शक केक प्यार का...

जीवन भर वो खायेगा...



क्रिसमस के पर्व से पहले ऐसा केक...और यह जानकारी...सोने पे सुहागा हो गया ये तो...



सुन्दर...



दीपक शुक्ल...

कुमार संतोष said...

रोचक जानकारी और केक भी बढियां था !
MERRY CHIRSTMAS...!
आभार !


मेरी नई रचना ख्वाबों में चले आओ

Pawan Kumar said...

केक काटकर क्रिसमस मनाये....... आपको क्रिसमस की शुभकामनाएं !

S.N SHUKLA said...

सार्थक, सामयिक पोस्ट, बधाई

मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अनुगृहीत करें.

रंजना said...

वाह...जैसी प्यारी कविता वैसी ही जानकारी परक आलेख...कई नयी बातें आज पहली बार पता चली आपके इस पोस्ट के माध्यम से...

बहुत बहुत आभार..

Kailash Sharma said...

जब इतना सुंदर केक बनेगा तो जिंदगियों में खुशियाँ तो भरेगा ही...बहुत ज्ञानवर्धक रोचक आलेख..शुभकामनायें!

दिगम्बर नासवा said...

इस मिठास के साथ अपने अनेक देशों की क्रिसमस मनाने की कुछ परम्पराओं के बारे में भी रोचक जानकारी दी है ... बहुत लाजवाब ...

दिगम्बर नासवा said...

मैरी क्रिसमस ...

Anju (Anu) Chaudhary said...

बहुत बदिया लेख ..अच्छी जानकारी के साथ ...आभार

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सुंदर अहसास बेहतरीन जानकारी भरा आलेख .....
नए साल की शुभकामनाए .......

मेरे पोस्ट के लिए --"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"-- मे click करे

dr.pradeep kumar said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न

Anonymous said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न

Anonymous said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न

dr.pradeep kumar said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न

dr.pradeep kumar said...

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प्रदीप प्रसन्न

dr.pradeep kumar said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न

dr.pradeep kumar said...

बहुत बढिया केक है मगर आजकल नॉन वेज का जमाना है ,क्या इस केक को खाना पसंद करेंगे लोग, कहेगें तो अच्छा ही . जैसे में कह रहा हूँ अच्छा ही है
प्रदीप प्रसन्न