Friday, September 16, 2022

पांच लोग जिनसे आप स्वर्ग में मिलते हैं।

 वे पांच लोग जिनसे आप स्वर्ग में मिलते हैं


The फाइव पीपल यू मीट इन हेवन मिच एल्बॉम का 2003 का एक उपन्यास है। 

वे पांच लोग जिनसे आप स्वर्ग में मिलते हैं

जिंदगी और मृत्यु हमारे जीवन के दो महत्पूर्ण पहलू हैं। जीवन के यह दोनो हादसे ही अजब ही होते हैं। जब जीवन मिलता है तो हम तब भी उस से अनजान होते हैं और मौत का वक्त भी तय नहीं होता सो उस से भी अनजान । और मौत के बाद क्या होता है यह बताने वाला भी गायब होता है। पर हर धर्म की अपनी धारणा है। और उसी के अनुसार स्वर्ग नरक की परिभाषा मान ली जाती है। 

   यह एक दार्शनिक उपन्यास है जो मेरी बेटी ने कुछ वक्त पहले मुझे भेजा । अनुवाद वाले उपन्यास के दो तीन पेज पढ़ कर पहले मै उसको पढ़ने का मन बनाती हूं। इसके भी उपन्यास आते ही कुछ पेज पढ़े और रख दिया। फिर इसी उपन्यास में पढ़े अनुसार कि हर चीज का बात का एक वक्त तय है, इसको कल पूरे दिन में खत्म किया। पढ़ कर निराशा नहीं हुई । बल्कि कई जीवन की सच्चाई से रूबरू ही हुई। हम सब ही अपने जीवन में इन बातों से हो कर गुजरते हैं और अंत में प्रेम ही सत्य है ,जो मर कर भी खत्म नहीं होता यही पाते हैं। 

हर अंत एक शुरुआत होता है। बस, उस समय हमें इस बात का पता नहीं होता है. हम बस सही गलत के भ्रम में उलझे रहते हैं।

 अपने 83वें जन्मदिन पर, एक एम्यूजमेंट पार्क में इस उपन्यास के मुख्य पात्र एडी जो मैकेनिक है एडी की एक दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है जब झूला टूट जाता है।  हादसे के दौरान वह एक छोटी बच्ची की जान बचाने की बहुत कोशिश करता है। अपनी अंतिम साँस लेते समय वह दो छोटे हाथों का स्पर्श महसूस करता है मृत्यु के बाद वाले जीवन में जब उसे होश आता है तो खुद को स्वर्ग में पाता है। यहां एडी की मुलाकात "द ब्लू मैन" से होती है। ब्लू मैन बताते हैं कि एडी आपको स्वर्ग में पांच लोगों से मिलेंगे जिन्होंने आपके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है या किसी ऐसे व्यक्ति से जिस पर उसके जीवन का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।  ये लोग प्रियजन भी हो सकते हैं और अजनबी भी। फिर भी उनमें से हर कोई आपका मार्ग हमेशा के लिए बदल सकता है

एडी पूछता है कि ब्लू मैन उसका पहला व्यक्ति क्यों है, और वह एडी को बताता है कि, जब एडी बहुत छोटा था, तो वह उसकी कार दुर्घटना का कारण बना जिससे उसकी मौत हो गई। इससे, एडी अपना पहला सबक सीखता है: जीवन में कोई भी घटना सिर्फ घटने के लिए नहीं होती है और सभी व्यक्ति और अनुभव किसी न किसी तरह से जुड़े होते हैं।तुम किसी के भी जीवन को दूसरे के जीवन से अलग नहीं कर सकते। 

फिर एडी सेना के अपने पूर्व कप्तान से मिलता है, जो एडी को फिलीपींस में एक मजबूर श्रम शिविर में युद्ध के कैदियों के रूप में अपने समय की याद दिलाता है । और उस से त्याग की बात सीखता है। त्याग जीवन का एक हिस्सा है।और कोई भी त्याग व्यर्थ या बिना कारण के नहीं होता है। जब तुम किसी चीज का त्याग करते हो तो उसको खोते नहीं हो , बल्कि वह चीज किसी अन्य को दे देते हो।

फिर एडी खुद को एक डाइनर (  रेस्टोरेंट )के बाहर पाता है , जहां वह अपने पिता को एक खिड़की से देखता है। तभी वह रूबी नाम औरत से मिलता है और अपना परिचय देती है। रूबी बताती हैं कि रूबी पियर का नाम उनके पति एमिल ने रखा था, जिन्होंने इसे उनके लिए श्रद्धांजलि में बनाया था। रूबी एडी को अपने पिता की मृत्यु का असली कारण दिखाती है, जो कि उसके हमेशा से विश्वास से अलग है। वह एडी से कहती है कि उसे अपने पिता को माफ करने की जरूरत है।

चौथे व्यक्ति के रूप में एडी अपनी मरी हुई पत्नी मार्गरीट से मिलता है। वे अपनी शादी को याद करते हैं, और मार्गरीट एडी को सिखाती है कि प्रेम मृत्यु में से खत्म नहीं होता ,यह बस आगे बढ़ता है और एक अलग रूप लेता है।

पांचवी व्यक्ति  टाला नाम की एक फिलिपीना लड़की से मिलता है । टाला ने बताया कि वह उस झोपड़ी की छोटी लड़की थी जिसे एडी ने आग लगा दी थी । वह बहुत बैचेन हो जाता है । लड़की उसको इस से बहुत ही बेहतरीन ढंग से बाहर निकालती है। तब उसको एहसास होता है कि वास्तव में यह सारे रंग उसके जीवन में अनुभव की गई भावनाओं के ही रंग थे।

अंत में उसको सिर्फ प्रेम प्रतीक के रूप में अपनी पत्नी नज़र आती है जो उसका इंतजार कर रही है। और उसको अपने आसपास की सभी आवाजें ईश्वर की तरफ से आ रही एक शब्द "घर "के रूप में सुनाई देती हैं। 

उपन्यास रोचक और दार्शनिक है। पढ़ कर ही इसको बेहतरीन ढंग से समझा जा सकता है। बेस्ट सेलर रहा है यह अपने मूल रूप में। इसके ऊपर मूवी भी बनी है ।वो भी देखते हैं वाकई इसको मूवी के रूप में देखना रोचक होगा। 

Amazon से हिंदी अनुवाद ले सकते हैं। और जीवन के सच को बेहतरीन ढंग से समझ सकते हैं।

इस लिंक पर आप इस बुक के बारे में सुन सकते हैं। 

The Five People You Meet in Heaven


     

8 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-09-2022) को  "भंग हो गये सारे मानक"   (चर्चा अंक 4554)  पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

कविता रावत said...

जीवन और उसके बाद जानने की जिज्ञासा को बड़े ही रोचक रूप में प्रस्तुत किया है उपन्यास में, जिसपर आपने बखूबी अपनी लेखनी चलाई हैं

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

रोचक परिचय मिला पुस्तक का ।

Anita said...

रोचक समीक्षा

अनीता सैनी said...

हृदय से आभार उपन्यास से रूबरू करवाने हेतु बड़ा अच्छा लगा, पढ़ना और भी सुखद रहेगा।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

जिज्ञासा सिंह said...

सुंदर सार्थक परिचय । बहुत आभार आपका।

मन की वीणा said...

पुस्तक बहुत ही रोचक लग रही है।
पढ़ने की उत्कंठा बढ़ रही है।
शानदार प्रस्तुति।

Gajendra Bhatt "हृदयेश" said...

इस सुन्दर उपन्यास के कथानक का सार्थक दिग्दर्शन कराने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद नहोदया!