खुली सिगरेट पर लगा बैन पर क्या इस से फायदा होगा ?दो तीन दिन पहले दिल्ली का दिल कहे जाने
वाले कनाटप्लेस का नजारा शाम होते होते एक भयानक नज़ारे स्मैक अड्डे में
तब्दील हो गया ,जगह जगह बैठे झुण्ड इंजेक्शन लगाते और स्मैक धुंए में खोये
हुए नजर आये ,वो एम्प्रोरियम जो भारत की पहचान दिन में बनते हैं शाम को
उनके बंद होते ही वह इन लोगों की दुनिया हो जाते हैं ,ठीक दिल्ली पुलिस की
नाक के नीचे कैसे धुंए की दुनिया आबाद होती है यह नशा करने वाले जाने या
दिल्ली पुलिस जाने ,मोदीजी का उन्नत भारत का सपना उस वक़्त जैसे नशे में
ऊंघता नजर आता है ,पुरानी दिल्ली मिंटो रोड कनाटप्लेस जैसे इलाके भंयकर नशे की गिरफ्त में है ,नशे की दुनिया में लिप्त इस दुनिया को कैसे खुली सिगरेट पर बैन लगा कर रोका जा सकता है यह समस्या समझ से बाहर है ,पीने वाले यदि इसके भयवाह परिणाम से जान कर भी अनजान हैं तो यह समस्या नहीं सुलझ सकती ,सिगरेट के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ साथ इसके होने वाले बुरे असर के बारे में भी बताना बहुत जरुरी है , विशेषज्ञों का कहना है कि घर में एक व्यक्ति भी अगर सिगरेट पीता है तो वह घर के अन्य सदस्यों को समय से पहले मौत के करीब पहुंचा देता है।सिगरेट और नशे की दुनिया में रहने वाले यह समझ के अनजान है और जो नशे की गिरफ्त में है वह खुली सिगरेट पर लगे बैन को भी लांघ लेंगे और यूँ ही अपने साथ साथ समाज को भी नशे में डुबोये रखेंगे नशे की यह दुनिया तब तक आबाद रहेगी जब तक पीने वाले इसको खुद नहीं रोक पाते
3 comments:
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें
कम से कम शुरुआत तो है ... नहीं तो कुछ भी नहीं हो सकेगा ...
और जहां तक गैर कानूनी काम की बात है वो तो वैसे भी तंत्र की मजबूती से ही दूर होने हैं ...
विचारणीय लेख। पर कहीं ना कहीं शुरुवात तो हो रही है रोक थाम की।
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