यूँ इस तरह ना वक़्त को मेरे दिल गवां
यहाँ हर बीतता पल ना जाने कब अंतिम हो जाना है
राही सुन ज़ीवन एक परिवर्तन है
जिसने हर पल बदल जाना है
कभी साथ में होंगे तेरे हमसफ़र कितने
तो कभी नितांत अकेलापन भी होगा
कभी थक के चूर होंगे तेरे सपने
कभी साथ नाचता मयूरी सा मन भी होगा
यूँ ही पल पल करके इस जीवन ने बीत जाना है
इसको यूँ ही ना व्यर्थ गवां
एक दिन सब यहाँ बदल जाना है
छाया है यहाँ हर आती ख़ुशी
क्यों इस पर पागल मनवा इतराता है
सपने तेरे सब पूरे हो यहाँ
ऐसा कब संभव हो पाता है
धूप छावं सा है यह जीवन
दर्द और ख़ुशी में ढल जाना है
इस जीवन को यूँ ना गवां
यहाँ एक दिन सब बदल जाना है
कौन टिक सका है अमर हो कर यहाँ
राजा बन के भी सभी ख़ाली हाथ गये
चाँद से सुंदर लगते चेहरे सब
वक़्त के साए में यहाँ ढल गये
धन दौलत के बही खातो को
यही के यही ख्त्म कर जाना है
माया से यूँ तू मोह ना लगा
भला इसने कब साथ हमारे जाना है
परिवर्तन है जीवन यह तो
यहाँ एक दिन सब बदल जाना है !!
--
ranju....
9 comments:
बहुत ही सुन्दर लिखती हैं आप
www.arunsblog.in पर आपका स्वागत है.
बिल्कुल सही कहा ... सार्थकता लिये सशक्त अभिव्यक्ति ।
परिवर्तन जीवन का नियम है, स्वीकार करते रहना होगा।
यथार्थ को कहती सुंदर रचना
सार्थक सटीक प्रस्तुति,,,
माया में मत पड कुछ दिन का ठिकाना है
खाली हाँथ आये सब खाली हाँथ जाना है,
RECENT POST : गीत,
bahut badhiya shodon ka samagam...dhnywad kabhi samay mile to mere blog http://pankajkrsah.blogspot.com pe padharen swagat hai
जीवन यथार्थ का बहुत सुन्दर चित्रण..
सुंदर अभिव्यक्ति..रंजना दी
बेहद सुन्दर लेख...यथार्थ को बतलाता इसका हर एक शब्द...बधाई...इस सुन्दर रचना के लिए...समय मिले तो यहाँ भी एक नजर डाले...http://shona91.blogspot.in/
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