Thursday, December 01, 2022

कोलाज

 बने अब

शब्दों के कुछ कोलाज

जो ज़िन्दगी के सब रंग दिखाए

दुःख के भीगे पल

जो थमे हैं कहीं

वो अब ख़ुशी के साए में

लिपटे नजर आये !!!


ज़िन्दगी कभी अपनों की तरह मिल ..क्यों किसी गैर की तरह सताती है मुझे :)


@ra


nju bhatia

1 comment:

Onkar said...

सुंदर कविता