Monday, June 06, 2022

निर्मल पाठक की घर वापसी


 "#निर्मल पाठक की घर वापसी"


इन दिनों कई बेहतरीन वेब सीरीज आई है ।जो बोल्ड और खुलेपन से अलग अपनी ही मिट्टी की खुशबू से जुड़ी हुई हैं । पंचायत ,होम शांति, गुल्लक की ही कड़ी में आज ही देखा एक सीरीज "निर्मल पाठक की घर वापसी ",एक बेहतरीन उपन्यास को पढ़ने जैसी लगी। बिहार की पृष्टभूमि पर बनी यह सीरीज ,एक लेखक पिता बेटे की कहानी है ,जो वहां के  ,छुआछात और राजनीति के माहोल में ढल कर अपनी कहानी धाराप्रवाह ढंग से खुद से बांधे रखती है। 


   शुरुआत से ही जो बिहार ट्रेन से जुड़े प्रसंग को दिखाते हुए यह कहानी पहले थोड़ी सी धीमी कहानी लगती है पर अपने घर गांव पहुंचने रास्ते के सभी संघर्ष झेलते हुए जब निर्मल अपनी इंतजार करती मां से मिलता है जिस से तीन साल में उसके पिता अलग करके अपने साथ ले गए थे तो फिर पूरी सीरीज देख कर ही चैन आया।


 इसमें पिता भी लेखक है ,मां भी लेखिका ,लेकिन शहर वाली मां उसकी यशोदा मां है , गांव वाली मां उसकी देविका मां है।  भाइयों के यहां रह रही एक बुआ है। बाबा हैं जिन्हें अपने बड़े बेटे के जाने का गम अब भी खाए जा रहा है। छोटे भाई के तीन चार दोस्त हैं और है वह मां, जो अब भी अपने सिंदूर और मंगलसूत्र की दमक लौटने के इंतजार में है। नौ बजे बेटे से पति से फोन पर बात करने के इंतजार में जब बेटे से अचानक आखिरी वक्त की राख आंगन में उड़ कर सब तरफ बिखर जाती है तो दिल मेरा भी देखते हुए बैठ गया।  

  इस रोल में मां बनी "अलका अमीन" ने दिल जीत लिया अपनी कमाल की एक्टिंग से। पति के इंतजार में भरी मांग और बिंदी सजाए वो अपने पति के जाने से अंजान है । जब जान भी जाती है तो विश्वास नहीं कर पाती । भोजपुरी बोली बोलने के कारण मैं भी उसी जमीन से जुड़ गई देखते हुए।  निभा बनीं तनिष्क और रीना बनीं स्तुति और गीतांजलि के किरदार में इशिता, कहानी का हर महिला किरदार अपने आप में बांधे रखता है।छोटे भाई के रूप में खुद को लक्ष्मण कहने वाले आतिश पाठक भी बढ़िया अभिनय कर गए। जमीन जायदाद की लड़ाई भी है, परिवार के लोगों का प्यार और मन मुटाव भी बहुत ही सहज ढंग से  उसी परिवार का हिस्सा बना देता है देखते हुए।


लिखने को बहुत कुछ है इस पर ,अलमारी से झांकती हिंदी साहित्य की किताबें भी है और धीमी चूल्हे की आग पर बनता लिट्टी चोखा भी है। आप इसे देखिए और महसूस कीजिए वहां की मिट्टी और वहां के माहौल को। सोनी लिव पर यह सीरीज देखने लायक है।नहीं देखा अब तक तो देख डालिये।

#NirmalPathakKiGharWapsi

2 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

फेसबुक पर पढ़ चुके हैं । लेकिन यहाँ आपकी घर वापसी अच्छी लग रही । वैसे ये अभी देखनी बाकी है ।

रंजू भाटिया said...

वाकई मेरी भी यह घर वापसी ही है। यह रास्ता बना रहे ,बहुत बढ़िया वक्त साथ रहा है यहां आप सबके साथ यह अब बना रहे। स्नेह और शुक्रिया