Sunday, October 21, 2012

"एक लड़की "

 
 
हर "स्त्री "में रहती है
"एक लड़की "
जो हर पल
जिंदा रहती है
"बाबुल" के घर में
हर पल चहकती यह "गुडिया "
पिया के घर में
अपने ही रचे संसार में
कहीं खो जाती है
पर जब वह अकेले में
करती है खुद से बातें
अपनी भूली हुई यादों से
यूं ही कुछ पढ़ते पढ़ते
मिलती है ...
कुछ लिखे हुए लफ्जों से
और तब वह जाग कर
वही "चंचल नदी "सी
बन जाती है...
हंसती है ,मुस्कराती है
अपनी की कही बातों पर
अपनी ही किसी
पुरानी यादों पर
हाँ सही है यह
हर स्त्री में होती है
एक "नन्ही बच्ची"
जो बीतते वक्त के साथ भी
कभी "बड़ी "नही हो पाती है !!..

रंजू .......डायरी के पन्नो से एक पन्ना

16 comments:

अरुन अनन्त said...

बेहद सुन्दर स्त्री की सच्चाई बयां करती रचना.

Maheshwari kaneri said...

हर स्त्री में होती है
एक "नन्ही बच्ची"
जो बीतते वक्त के साथ भी
कभी "बड़ी "नही हो पाती है !!. बहुत सही कहा रंजु जी..बहुत सुन्दर...

प्रवीण पाण्डेय said...

बचपना तो सदा ही हृदय में धड़कता रहे ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

एक परिचय वरण बन गया,
प्यार पाणिग्रहण बन गया,
जबकि स्वीकार बंधन किया
मुक्ति का उपकरण बन गया,,,,

RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

ये 'लड़की' यूँही जीवंत रहे!

--
ए फीलिंग कॉल्ड.....

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत सुंदर रचना..
:-)

ANULATA RAJ NAIR said...

सच्ची.....वो बच्ची शायद बड़ी होना ही नहीं चाहती...कभी कभी पांव पटक कर,मचल कर जिद्द करके...अपनी बात मनवाना चाहती है....

बहुत प्यारी रचना रंजू..
सस्नेह
अनु

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...बचपन कहाँ भुला पाते हैं बड़े होने पर भी...

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...बचपन कहाँ भुला पाते हैं..

प्रकाश गोविंद said...

वाह--वाह .. क्या बात है
बहुत ही भावपूर्ण रचना जो सीधे दिल को छू गयी

बहुत बधाई एवं आभार !!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हर स्त्री के मन की बात कहती सुंदर रचना

सदा said...

एक "नन्ही बच्ची"
जो बीतते वक्त के साथ भी
कभी "बड़ी "नही हो पाती है !!
बिल्‍कुल सच

केतन said...

behad khoobsurat Ranju ji...

Meenakshi Mishra Tiwari said...

पर जब वह अकेले में
करती है खुद से बातें
अपनी भूली हुई यादों से
यूं ही कुछ पढ़ते पढ़ते
मिलती है ...
कुछ लिखे हुए लफ्जों से
और तब वह जाग कर
वही "चंचल नदी "सी
बन जाती है...

khoobsoorat bhaav ranju ji
behatreen

saadar

अनामिका की सदायें ...... said...

ek dam sach.

Rajiw said...

Behad samvedansheel kavita ...