tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post9046552106628792668..comments2023-10-11T14:59:55.982+05:30Comments on कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **: कुछ दोस्तों की कलम से...3 रंजू भाटियाhttp://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-66678554407732937912013-02-27T12:27:06.573+05:302013-02-27T12:27:06.573+05:30कलम का जादू बखूबी चल रहा है ... शुभकामनाएँ
सादरकलम का जादू बखूबी चल रहा है ... शुभकामनाएँ <br />सादरसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-45520714680348304252013-02-26T19:53:38.258+05:302013-02-26T19:53:38.258+05:30जितना सुंदर काव्य उतनी ही सुंदर प्रतिक्रियाएं । आप...जितना सुंदर काव्य उतनी ही सुंदर प्रतिक्रियाएं । आप ऐसी ही तारीपें पाती रहें । आपका हक बनता है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-69511923645349388812013-02-26T15:04:05.837+05:302013-02-26T15:04:05.837+05:30जितना अच्छा आपने लिखा है उतनी ही अच्छी समीक्षा है ...जितना अच्छा आपने लिखा है उतनी ही अच्छी समीक्षा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-62542117347714886192013-02-26T11:41:10.063+05:302013-02-26T11:41:10.063+05:30ऐसे दुआओं का खजाना आपके साथ हर समय रहे, बस यही दुआ...ऐसे दुआओं का खजाना आपके साथ हर समय रहे, बस यही दुआ है हमारी....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-85748101073672377652013-02-25T22:08:05.575+05:302013-02-25T22:08:05.575+05:30आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार26/2...आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार26/2/13 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है <br />Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-28856021341623900722013-02-25T20:14:30.873+05:302013-02-25T20:14:30.873+05:30बड़ी ही रोचक व सुन्दर समीक्षा..बड़ी ही रोचक व सुन्दर समीक्षा..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-45871699627646398882013-02-25T19:02:40.948+05:302013-02-25T19:02:40.948+05:30रंजू तुम्हारे किताब की यह प्रति कहाँसे मिलेगी ...त...रंजू तुम्हारे किताब की यह प्रति कहाँसे मिलेगी ...तुरंत बताओ ....अब और इंतज़ार नहीं होगा Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-3662600065675364162013-02-25T17:14:56.331+05:302013-02-25T17:14:56.331+05:30वहाँ पगडंडी के मोड पर एक पुलिया है ... उस पर बैठन...वहाँ पगडंडी के मोड पर एक पुलिया है ... उस पर बैठना अच्छा लगता था ... जालंधर छोड़ा तो पुलिया भी छूट गयी ... आपकी पुस्तक को ले पल भर आँखें मूंदी तो वही पुलिया नज़र आई ... मुस्कुराने लगी ... हवा के झोंके ने धूल हटा दी ...<br /><br />‘इसे भी यहीं बैठ कर पढ़ो ...’ हम वहीं बैठे और बैठे ही रह गए ... कई तस्वीरें उभरी जिनके हाथों में यादों की तस्वीरों के हाथ थे ... एक हलकी उदास शाम घिर आई ... उदास झुट्पुटे , उदास गर्मी के बादल , उदास रुआंसे जाडे ... <br /><br />रंजू की कविताओं के अपने मौसम हैं ... एक अपना ही माहौल ... एक बार उस माहौल में पहुँच जाओ तो बाहर निकल आने पर भी वह माहौल बना रहता है ...साथ साथ चलता है ... चलता ही रहता है ... क्या ये किसी उदास प्यार की बातें हैं ... या फिर उदास बातों का प्यार है ...<br /><br />रंजू से कुछ बातें भी हुईं ... उनके अमृतसर जाने की पुलक को नाचते हुए मेह्सूस किया ... उनकी लखनऊ की तस्वीरों में उनके स्कूल के समय को पकड़ा ... रंजू कहती हैं ... खूब कहती हैं ... बस कहती ही रहती है ... क्या ‘ कहती सरिता ‘ भी हो सकता है उनका नाम ... वे अमृता के खत कहती है ... पल्लू से बंधे कीमती मोती गांठें खोल खोल लुटाती हैं ... उन्हें रंजना नहीं केवल रंजू ही होना चाहिए ...<br /><br />आप कहिये ... जी भर कहिये ... स्तब्ध समां सुन रहा है ...<br />ashokjairath's diaryhttps://www.blogger.com/profile/03097967910978831966noreply@blogger.com