tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post7732111532969587749..comments2023-10-11T14:59:55.982+05:30Comments on कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **: एक यात्रा...रंजू भाटियाhttp://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-55880545292297538012009-01-21T16:32:00.000+05:302009-01-21T16:32:00.000+05:30रोचक एवं प्रभावपूर्ण यात्रा वृत्तान्त। बधाई।रोचक एवं प्रभावपूर्ण यात्रा वृत्तान्त। बधाई।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-90432703691898930942009-01-20T17:25:00.000+05:302009-01-20T17:25:00.000+05:30वर्षों पहले एक क्रन्तिकारी कवि ने सवाल उठाया था, ज...वर्षों पहले एक क्रन्तिकारी कवि ने सवाल उठाया था, जिन हाथों ने बिल्डिंग्स, universities, theaters बनाये वो आज कहाँ हैं. आपकी कविता आज भी उन सवालों के जवाब ढूंढ़ रही है.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-20543632758965328152009-01-20T15:12:00.000+05:302009-01-20T15:12:00.000+05:30आपका यात्रा प्रवाह समय के साथ साथ आए बदलाव को बारी...आपका यात्रा प्रवाह समय के साथ साथ आए बदलाव को बारीकी से बयान करता है बदलती व्यवस्था, बदलता परिवेश इंट गारे के बढ़ते जंगल..............एक सफर को बयान करते है. ताऊ की याद आपका ब्लॉग पढ़ते हुवे मुस्कान ले आयी.......सार्थकता है ये उनकी लेखनी कीदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-24296496294112990912009-01-20T09:11:00.000+05:302009-01-20T09:11:00.000+05:30अवचेतन ब्लागिंग के साथ चेतन जगत की बहुत कुछ बयां क...अवचेतन ब्लागिंग के साथ चेतन जगत की बहुत कुछ बयां करती यह संस्मरण यात्रा -Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-29456921843294581172009-01-19T22:44:00.000+05:302009-01-19T22:44:00.000+05:30बहुत सजीव लिखा आपने ऐसा लगा मानोँ हम भी आपके सँग ह...बहुत सजीव लिखा आपने ऐसा लगा मानोँ हम भी आपके सँग ही हो लिये हैँ और अच्छा है<BR/> सब ठीक रहालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-36372127436338953192009-01-19T22:31:00.000+05:302009-01-19T22:31:00.000+05:30प्रगती की कीमत कोई ना कोई चुकाता ही है. सुंदर या...प्रगती की कीमत कोई ना कोई चुकाता ही है. सुंदर यात्रा विव्रण. आभार.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-80851462606655353762009-01-19T20:18:00.001+05:302009-01-19T20:18:00.001+05:30घने ठंड के कुहरे मेंदूर गावं से आए यह मजदूरफटे पुर...घने ठंड के कुहरे में<BR/>दूर गावं से आए यह मजदूर<BR/>फटे पुराने कपडों से ढकते तन को<BR/>ख़ुद को दे सके न चाहे एक छत<BR/>पर आने वाले वक्त को<BR/>मेट्रो और सुंदर घरों का<BR/>एक तोहफा<BR/>सजा संवार के दे जायेंगे !!<BR/><BR/>Kavita aur yatra vritant dono hi bahut achhe.Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-87660014503915053302009-01-19T20:18:00.000+05:302009-01-19T20:18:00.000+05:30घने ठंड के कुहरे मेंदूर गावं से आए यह मजदूरफटे पुर...घने ठंड के कुहरे में<BR/>दूर गावं से आए यह मजदूर<BR/>फटे पुराने कपडों से ढकते तन को<BR/>ख़ुद को दे सके न चाहे एक छत<BR/>पर आने वाले वक्त को<BR/>मेट्रो और सुंदर घरों का<BR/>एक तोहफा<BR/>सजा संवार के दे जायेंगे !!<BR/><BR/>Kavita aur yatra vritant dono hi bahut achhe.Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-18465423810344466592009-01-19T19:58:00.000+05:302009-01-19T19:58:00.000+05:30अच्छी लगी आपकी यात्रा हमें भी....आगे भी आता रहूंगा...अच्छी लगी आपकी यात्रा हमें भी....आगे भी आता रहूंगा आपके ब्लॉग पर...<BR/><BR/>निखिलNikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-22513533625389453132009-01-19T18:17:00.000+05:302009-01-19T18:17:00.000+05:30सबसे पहले तो आपकी सलामती के लिये ईश्वर को धन्यवाद....सबसे पहले तो आपकी सलामती के लिये ईश्वर को धन्यवाद. आपके स्वस्थ सुन्दर और सुदिर्घ जीवन की कामना है इश्वर से.<BR/><BR/>असल मे आज भी गांव मे ताऊ जिन्दा है. कहीं नही गया है. हम लोग शहरों के ढकोसले और अंधी दौड मे इस ताऊत्व से दूर हो गये हैं और इसी वजह से परेशान हैं.<BR/><BR/>निजी रुप से मैं साल मे १५ दिन आज भी गांव (स्वाभाविक है हरयाणा मे ही है) चला जाता हूं. चूंकी वहा आज भी खेती किसानी और भैसे गाये हैं तो उनके बीच शहर की आपाधापी कहां पीछे छूट जाती है? पता ही नही चलता.<BR/><BR/>लेकिन इस सुंदर पृष्ष्ठभूमी के पीछे का एक सच और है कि गांवों मे ताऊ लोग अब जरा दारू सेवन करने लगे हैं और ये बात वहां का माहोल खराब करती है. फ़िर भी अबभी मुझे गांव पसंद है. क्योंकि गांव भी अब जीवन की हकीकत के ज्यादा से ज्यादा नजदीक हैं. और एक अच्छी बात कि वहां पर अब ये नीले ड्रेस वाले लडके लडकियां बहुत अच्छी और शिक्षा मे रुझान रखते हैं, ज्यादातर ग्रामीण लडकिया शिक्षित हैं, ये उपलब्धि ही है. मेरे देखते २ यह बदलाव आया है.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-7876923490596859512009-01-19T17:57:00.000+05:302009-01-19T17:57:00.000+05:30यह संस्मरण तो है ही, एक संपूर्ण कहानी भी है। बहुत ...यह संस्मरण तो है ही, एक संपूर्ण कहानी भी है। बहुत बहुत सुंदर मुझे सत्तर के दशक की कहानियाँ याद आ गईं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-68380537773471325622009-01-19T17:47:00.000+05:302009-01-19T17:47:00.000+05:30bahut hi sundar bhav abhivyakti hai. aapki pakad g...bahut hi sundar bhav abhivyakti hai. aapki pakad gadhya aur kavya par bahut hi achchi hai sukun mila padh kar<BR/>bahut badhiya......Tapashwani Kumar Anandhttps://www.blogger.com/profile/07541666638279554388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-73364915277942361032009-01-19T17:34:00.000+05:302009-01-19T17:34:00.000+05:30अच्छा विवरण. अच्छा लगा पढ़कर. धन्यवाद.अच्छा विवरण. अच्छा लगा पढ़कर. धन्यवाद.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-15765907615247138102009-01-19T16:41:00.000+05:302009-01-19T16:41:00.000+05:30bahut achha yatra vivaran aur puarane dino ki yaad...bahut achha yatra vivaran aur puarane dino ki yaadein rahi.mehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-71717423865966071992009-01-19T14:54:00.000+05:302009-01-19T14:54:00.000+05:30mere grihshahar ki yad aa gayi madam ji,khubsurat ...mere grihshahar ki yad aa gayi madam ji,khubsurat andaaj...<BR/>ALOK SINGH "SAHIL"आलोक साहिलhttps://www.blogger.com/profile/07273857599206518431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-35212709604731309062009-01-19T13:46:00.000+05:302009-01-19T13:46:00.000+05:30हमारा तो जी टी रोड से रिश्ता पुराना है जी....उस हा...हमारा तो जी टी रोड से रिश्ता पुराना है जी....उस हाई वे पर हमने कई बिल्डिंगो के संस्करण ओर नए बोर्ड देखे है.....पानी पट पर ओवर ब्रिद्ज के बाद ड्राइविंग का मजा कुछ ओर ही है......ताऊ जी ने पहेली नही पूछी ?डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-26641851146201461262009-01-19T11:54:00.000+05:302009-01-19T11:54:00.000+05:30अरे यादों में ऐसा खोया कि बाद की बातों को तो भूल ग...अरे यादों में ऐसा खोया कि बाद की बातों को तो भूल गया। "मैडम आज तो बच गए "<BR/>ये तो बडे बुर्जुगों का आशीर्वाद और छोटों का प्यार होता है जो कही भी हमें बचा लेता है। <BR/>घने ठंड के कुहरे में<BR/>दूर गावं से आए यह मजदूर<BR/>फटे पुराने कपडों से ढकते तन को<BR/>ख़ुद को दे सके न चाहे एक छत<BR/>पर आने वाले वक्त को<BR/>मेट्रो और सुंदर घरों का<BR/>एक तोहफा<BR/>सजा संवार के दे जायेंगे !!<BR/><BR/>सच कैसी विड्म्बना हैं। अच्छा लिखा है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-28619688884811246782009-01-19T11:49:00.000+05:302009-01-19T11:49:00.000+05:30bahut accha yaatra vritaant raha....aur sahi men w...bahut accha yaatra vritaant raha....<BR/>aur sahi men wo din dur nahi jab charo taraf concrete ke jangal hi dikenge..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17320191855909735643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-5316636647350900192009-01-19T11:47:00.000+05:302009-01-19T11:47:00.000+05:30रंजना जी ...आप ने अपने शब्द कौशल से दिल्ली से हांस...रंजना जी ...आप ने अपने शब्द कौशल से दिल्ली से हांसी की यात्रा को कितना यादगार बना दिया है...आपकी लेख़नीपूरे चित्र खींचने में कामयाब हुई है...बहुत अच्छा लगा आप की इस यात्रा का विवरण पढ़ कर...आप बच gayin kyun की आप को बचना ही था...अभी तो आप से हम को ऐसीबहुत सी बातें जो सुननी हैं...ishwar को मालूम है ना...आप सौ वर्ष खुशी खुशी जिए...ये कामना करते हैं. <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-29527940902329124732009-01-19T11:46:00.000+05:302009-01-19T11:46:00.000+05:30आपके इस यात्रा संस्मरण को पढकर मुझे भी अपनी हिसार ...आपके इस यात्रा संस्मरण को पढकर मुझे भी अपनी हिसार की यात्रा की याद आ गई। बहुत साल पहले की। पीले सरंसों के फूल ,गेहूं की नवजात बालियाँ भागती हई नजर आती थी। मैं भी बाहर देखने लगती हूँ .. गांव है ,घरों के आगे चारपाई पर हुक्के सुलगे हुए हैं .कई बुजुर्गवार बैठे हैं .....घर के आगे की हवेली में ट्रेक्टर और भेंसे बंधी हुई हैं ....सड़क के साथ ही एक स्कूल से लड़के नीली वर्दी पहने निकल रहे हैं और जाते हुए ट्रेक्टर में लदे गन्नों को लपकने की कोशिश में हैं। <BR/><BR/>सच पूछिए तो रंजू जी मुझे गाँव की मिट्टी की वो खूशबू का अहसास हो रहा है जब मैं अपने बेलों को पानी पीलाने तालाब पर ले जाता था तो पैरों पर वो गाँव की मिट्टी लग जाती थी और भेसों,बेलो के दोडने से जो मिट्टी उड़ती थी उसकी महक आज फिर से याद आ गई। वो चीजे मुझे अपनी तरफ खीचती है पर मै जा नही पाता। अजीब जिदंगी हो गई है। खैर आपकी पोस्ट पढकर अच्छा लगा। पुरानी यादों में खो गया।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-54683379576640439512009-01-19T11:19:00.000+05:302009-01-19T11:19:00.000+05:30यात्रा व्रतांत पढ़ कर लगा उसी बस मे है ताऊ के पीछे ...यात्रा व्रतांत पढ़ कर लगा उसी बस मे है ताऊ के पीछे .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-81332685989948840802009-01-19T10:45:00.000+05:302009-01-19T10:45:00.000+05:30वह दीदी.. क्या खाका खिंचा है.. एक एक चीज का ऐसा रे...वह दीदी.. क्या खाका खिंचा है.. एक एक चीज का ऐसा रेखा चित्र खिंचा जैसे हमारे सामने ही हो.. <BR/>और हाँ, आगे से जरा संभल कर.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-44326677960520968132009-01-19T10:38:00.000+05:302009-01-19T10:38:00.000+05:30पढ़ कर लगा बस जगह के नाम बदल गये.. मेरा शहर भी तो ...पढ़ कर लगा बस जगह के नाम बदल गये.. मेरा शहर भी तो कुछ ऐसा ही है...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-73035083779479281262009-01-19T10:35:00.000+05:302009-01-19T10:35:00.000+05:30बहुत अच्छा लगा पढकर......आपका यह रोचक यात्रा वृता...बहुत अच्छा लगा पढकर......आपका यह रोचक यात्रा वृतांत।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-1581888082846340932009-01-19T10:30:00.000+05:302009-01-19T10:30:00.000+05:30बढ़िया और रोचक वुतांत। काफी चीजें समेटी है आपने।बढ़िया और रोचक वुतांत। काफी चीजें समेटी है आपने।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.com