tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post4725902947039048193..comments2023-10-11T14:59:55.982+05:30Comments on कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **: जरा यूं भी सोचिये ...रंजू भाटियाhttp://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-55951218708555725862008-06-23T17:32:00.000+05:302008-06-23T17:32:00.000+05:30बहस जारी रखेंबहस जारी रखेंआशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-39665885550664326692008-05-24T21:08:00.000+05:302008-05-24T21:08:00.000+05:30अमित जी और रंजू जी की टिप्पणियां पढीं. दोनों ही ने...अमित जी और रंजू जी की टिप्पणियां पढीं. दोनों ही ने अपनी अपनी तरह से इस दुखद प्रकरण पर अप्नी चिंताएं ज़ाहिर की हैं. यह शुभ है. मुझे लगता है कि सबसे बडी गडबड तो यह हो रही है कि पुलिस ने हो कथा का वितान खडा किया है, और दृश्य मीडिया जिसे जोर-शोर से प्रचारित कर रहा है, उसे ध्रुव सत्य मानकर हम सारी टिप्पणियां कर रहे हैं. स्वयं पुलिस ने जो वृत्तांत गढा है वह अभी सन्देह से परे नहीं है. ऐसे में आरुषी, हेमराज, तलवार दम्पती और उनके मित्रों किसी को भी दोषी मानकर बात करना उचित नहीं. दूसरी बात, ज़माना बदलता है, पुराना बहुत कुछ जाता है, नया आता है. हर नया सदा खराब नहीं होता और न सारा पुराना अच्छा ही था. दर असल महत्वपूर्ण यह है कि हम जिसे अपनाते हैं, उसका उपयोग करते हैं या दुरुपयोग. स्त्री का नौकरी करना, तकनीक, आधुनिकता, समृद्धि इन सब पर ये बात लागू होती है. सरलीकरण से बात बनती नहीं बिगडती है.डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-68546147078238624402008-05-24T18:03:00.000+05:302008-05-24T18:03:00.000+05:30मैं रंजना जी आपसे पूरी तरह सहमत हूँ। नारी का नौकरी...मैं रंजना जी आपसे पूरी तरह सहमत हूँ। नारी का नौकरी करना और ना करना इस तरह की समस्याओं का कारण नहीं है। आज के युग में नारी का नौकरी करना युग की आवश्यकता है। किसी भी घटना के लिए किसी एक को दोष देना मूर्खता है। मुझे अमित जी की सोच बहुत बचकानी लगी या ये भी हो सकता है कि अमित जी इस तरह अपने ब्लाग को लोकप्रिय बना रहे हों।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-56479881946134670312008-05-24T17:01:00.000+05:302008-05-24T17:01:00.000+05:30अभी तो मैं सिर्फ़ यही कह सकता हूँ कि एक सार्थक बहस...अभी तो मैं सिर्फ़ यही कह सकता हूँ कि एक सार्थक बहस है. और जितनी बढे उतना ही सबके लिए अच्छा है आख़िर हम सब इन मुद्दों से किसी ना किसी रूप मे जुड़े हैं.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-31395929188498473002008-05-24T15:18:00.000+05:302008-05-24T15:18:00.000+05:30बिल्कुल सही बात करी आपने. आलोक सिंह "साहिल"बिल्कुल सही बात करी आपने.<BR/> आलोक सिंह "साहिल"आलोक साहिलhttps://www.blogger.com/profile/07273857599206518431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-65543572464761913212008-05-24T14:09:00.000+05:302008-05-24T14:09:00.000+05:30आदरणीय रंजू जी , सर्वप्रथम उल...आदरणीय रंजू जी ,<BR/> सर्वप्रथम उल्टा तीर पर जारी बहस में शामिल होने के लिए आपका ह्रदय से आभारी हूँ !! बहस का धेय्य यही है कि इसमें ज्यादा ज्यादा से लोगो की सहभागिता बढे ...साथ ही आपने इस बहस के बारे में अपने ब्लोग पर जो लेख पब्लिश किया है उसे मैं आपकी अनुमति से "उल्टा तीर" में प्रकाशित करना चाहता हूँ !!सहयोग की अपेक्षा है !<BR/> विनम्र!<BR/> अमित के सागर <BR/> http://ultateer.blogspot.comAmit K Sagarhttps://www.blogger.com/profile/15327916625569849443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-1307154026166541082008-05-24T14:08:00.000+05:302008-05-24T14:08:00.000+05:30This comment has been removed by the author.Amit K Sagarhttps://www.blogger.com/profile/15327916625569849443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-54961264883804930822008-05-24T14:00:00.000+05:302008-05-24T14:00:00.000+05:30माँ अगर घर में रहे तो बच्चे एम टी वी रोडीज में जाक...माँ अगर घर में रहे तो बच्चे एम टी वी रोडीज में जाकर खुले आम गालिया निकलते है.. नेतिकता मर रही है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-8573866683963040682008-05-24T13:38:00.000+05:302008-05-24T13:38:00.000+05:30मैंने अमित जी का लेख नही पढ़ा है पर आपकी बातो से क...मैंने अमित जी का लेख नही पढ़ा है पर आपकी बातो से कुछ कुछ अंदाजा लगा सकता हूँ दरअसल इस घटना मे माँ का बाहर कम करना या नही करना उत्तरदायी नही है....कई पहलू है मैंने अपनी आंखो के सामने एक ऐसा केस देखा है जहाँ माँ घरलू थी लेकिन बच्ची को स्कूल लेने जाने के लिए २२ साल का drivar था ,तो लड़की इस उम्र मे बहक गई ,नादान थी ,दरअसल हमारे सामाजिक के नैतिक मूल्य गिर रहे है ,आम व्यक्ति का चरित्र पतन पर है .....M.टी.वी RODDIE मे वो विजेता होता है जो बड़ा कमीना ,चालबाज है ,लड़किया flirt कर रही है ,महज एक टी.वी शो जीतने के लिए ......लोग कतार मे खड़े रहते है किसी टी.वी शो के औदिशन पर बावलो की तरह खड़े है .....सुखदेव को -बिस्मिल को को लोग रंग दे बसंती देखने के बाद जानने लगे है......लेकिन अभिषेक कहाँ बाल कटाता है . ये बता देगे....सब जिम्मेदार है मीडिया ,अखबार ,किताबे ,आप ओर मैं........लम्बी बहस है.......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-36348057.post-87103147629950373002008-05-24T13:32:00.000+05:302008-05-24T13:32:00.000+05:30ranjana amit mujeh bilkul apripakv lakeh lagey hae...ranjana <BR/>amit mujeh bilkul apripakv lakeh lagey haen . mujeh woh media sae judaey lagety haen<BR/>arushi ki maut tamaacha haen bhartiyae samaj per bus iskae aagey kuch nahin kyoki samaj mae sab aatey haen ham bhiAnonymousnoreply@blogger.com