Wednesday, November 26, 2014

नशे की दुनिया

खुली सिगरेट पर लगा बैन पर क्या इस से फायदा होगा ?दो तीन दिन पहले दिल्ली का दिल कहे जाने
  वाले कनाटप्लेस का नजारा शाम होते होते एक भयानक नज़ारे स्मैक अड्डे में तब्दील हो गया ,जगह जगह बैठे झुण्ड इंजेक्शन लगाते और स्मैक धुंए में खोये हुए नजर आये ,वो एम्प्रोरियम जो भारत की पहचान दिन में बनते हैं शाम को उनके बंद होते ही वह इन लोगों की दुनिया हो जाते हैं ,ठीक दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे कैसे धुंए की दुनिया आबाद होती है यह नशा करने वाले जाने या दिल्ली पुलिस जाने ,मोदीजी का उन्नत भारत का सपना उस वक़्त जैसे नशे में ऊंघता नजर आता है

Friday, November 14, 2014

खिड़कियाँ

पंडित जवाहर लाल जी के शब्दों में " अपने देश की जानकारी और साहित्य वह घर है, जहाँ मनुष्य रहता है .पर इस घर की खिड़कियाँ दुसरे देशों की जानकारी की और खुलती है ..जो मनुष्य अपने घर की खिड़कियाँ बंद कर लेगा ,उसको कभी ताज़ी हवा में साँस लेना नसीब नही होगा ..ज़िन्दगी की सेहतमंद रखने के लिए यह जरुरी है की हम अपने घर की खिड़कियाँ खोल कर रखें "
अमृता जी  के कुछ पत्र मुझे उनके लिखी किताब खिड़कियाँ में मिले जो उन्होंने अपने बच्चो नवराज और कंदला के नाम लिखे थे ,तब जब जब वह विदेश यात्रा पर गई .वहां की तहजीब ,वहां के लोग और वहां के बारे में जिस तरह से  अमृता ने लिखा है वह सिर्फ़ नवराज और कंदला के लिए नहीं हैं  .वह देश के हर बच्चे के नाम है इस दुआ के साथ की देश के बच्चों का अपना घर [अपने देश की जानकारी और साहित्य ] बड़ा सुंदर और सुखद हो , और इसकी खिड़कियाँ दुसरे देश की जानकरी की और हमेशा खुली रहें और उनकी ज़िन्दगी सेहतमंद हो ....उन्ही का एक ख़त ताशकंद के उज्बेकिस्तान से ३ मई ,१९६१ को लिखा हुआ यहाँ लिख रही हूँ