यह भी एक सच है ..
आज की जनरेशन कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है वह एक आंकलन पढ़ कर सामने आया ..जिस तेजी से देश तरक्की कर रहा है उस के साथ ही हमारी संस्कृति और सभ्यता किस क़द्र कहाँ जा रही है इसको जानने के लिए एक नज़र जरा इन बातो पर डालिए
हमारी आज की मोबाइल यंग जनरेशन शराब पीने के लिए बे इन्तहा पैसा खर्च करती है इसका साबुत है पिछले कुछ सालों में पी गई है २२० मिलियन लीटर वाइन दिल्ली मुम्बई कोलकाता पुणे और बेंगलूर जैसे शहरों में पानी की तरह पी जाती है यह चलन अब छोटे शहरों तक भी पहुँच रहा है और अनुमान है की २०१० तक घरेलू वाइन उपभोग नो मिलियन लीटर तक पहुँच जायेगा
भारत की सिलिकान वैली को अब देश की बियर कैपिटल या पब सिटी के नाम से भी जाना जाता है देश की सबसे जायदा पब वाले इस शहर में नाईट क्लब म्यूजिक और ड्रिंक की मस्ती में लोग डूबे रहते हैं
दिल्ली मुम्बई और बेंगलूर में नाईट क्लब में आने वाले युवा १०.००० रुपये तक एंट्री फीस देते हैं
ज्यादातर युवा सिर्फ़ सिगरेट पर ही २,००० रुपया महीना खर्च कर देते हैं
फाइव स्तर होटल्स में हर महीने ९० से १०० पार्टी आयोजित की जाती हैं और एक \व्यक्ति का यहाँ पर खर्च ३.००० से १०.००० रुपये तक आता है
भारत का लाटरी बाज़ार २५० रूपये है जिस में ५ % सिर्फ़ ऑनलाइन खाते में आता है हर रोज़ २ मिलियन से भी ज्यादा पेपर या ऑनलाइन टिकेट खरीदे जातेहैं वही यदि अनोपचारिक रूप से देखे तो जुए का बाज़ार ५०० रुपए अरब का है
नालेज कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार ४५.00, 000 रुपए की वार्षिक आय वाला प्रत्येक परिवार हर साल कम से कम ४ .००.०००० रुपये अपने एशो आराम से जुड़ी चीजो पर आराम पर खर्च करता है जिस से यह बाज़ार ६४.००० करोड़ का बन चुका है
एक औसत भारतीय जोडा विदेश घूमने और छुट्टियां मनाने में १ .४१ लाख रुपया खर्च कर देता है
१६ से २५ साल की उम्र अवधि में लगभग ८ से १० मोबाइल बदल लिए जाते हैं
एक भारतीय शहरी युवा २००० रुपये अपने हेयर कट और ५००० रुपये अपने जूतों पर खर्च कर देता है
२५० से ३०० मिलियन मध्यम वर्गी परिवार अपनी कमी का १६.१% हिस्सा अपनी लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट पर खर्च कर देते हैं ..
यह जानकारी आज के भारत के सोजन्य से :) है न हम तरक्की पर कितने :) क्या कहते हैं आप इसको पढ़ के :)
आज की जनरेशन कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है वह एक आंकलन पढ़ कर सामने आया ..जिस तेजी से देश तरक्की कर रहा है उस के साथ ही हमारी संस्कृति और सभ्यता किस क़द्र कहाँ जा रही है इसको जानने के लिए एक नज़र जरा इन बातो पर डालिए
हमारी आज की मोबाइल यंग जनरेशन शराब पीने के लिए बे इन्तहा पैसा खर्च करती है इसका साबुत है पिछले कुछ सालों में पी गई है २२० मिलियन लीटर वाइन दिल्ली मुम्बई कोलकाता पुणे और बेंगलूर जैसे शहरों में पानी की तरह पी जाती है यह चलन अब छोटे शहरों तक भी पहुँच रहा है और अनुमान है की २०१० तक घरेलू वाइन उपभोग नो मिलियन लीटर तक पहुँच जायेगा
भारत की सिलिकान वैली को अब देश की बियर कैपिटल या पब सिटी के नाम से भी जाना जाता है देश की सबसे जायदा पब वाले इस शहर में नाईट क्लब म्यूजिक और ड्रिंक की मस्ती में लोग डूबे रहते हैं
दिल्ली मुम्बई और बेंगलूर में नाईट क्लब में आने वाले युवा १०.००० रुपये तक एंट्री फीस देते हैं
ज्यादातर युवा सिर्फ़ सिगरेट पर ही २,००० रुपया महीना खर्च कर देते हैं
फाइव स्तर होटल्स में हर महीने ९० से १०० पार्टी आयोजित की जाती हैं और एक \व्यक्ति का यहाँ पर खर्च ३.००० से १०.००० रुपये तक आता है
भारत का लाटरी बाज़ार २५० रूपये है जिस में ५ % सिर्फ़ ऑनलाइन खाते में आता है हर रोज़ २ मिलियन से भी ज्यादा पेपर या ऑनलाइन टिकेट खरीदे जातेहैं वही यदि अनोपचारिक रूप से देखे तो जुए का बाज़ार ५०० रुपए अरब का है
नालेज कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार ४५.00, 000 रुपए की वार्षिक आय वाला प्रत्येक परिवार हर साल कम से कम ४ .००.०००० रुपये अपने एशो आराम से जुड़ी चीजो पर आराम पर खर्च करता है जिस से यह बाज़ार ६४.००० करोड़ का बन चुका है
एक औसत भारतीय जोडा विदेश घूमने और छुट्टियां मनाने में १ .४१ लाख रुपया खर्च कर देता है
१६ से २५ साल की उम्र अवधि में लगभग ८ से १० मोबाइल बदल लिए जाते हैं
एक भारतीय शहरी युवा २००० रुपये अपने हेयर कट और ५००० रुपये अपने जूतों पर खर्च कर देता है
२५० से ३०० मिलियन मध्यम वर्गी परिवार अपनी कमी का १६.१% हिस्सा अपनी लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट पर खर्च कर देते हैं ..
यह जानकारी आज के भारत के सोजन्य से :) है न हम तरक्की पर कितने :) क्या कहते हैं आप इसको पढ़ के :)